एक ऑटो ड्राईवर का बेटा विकलांग होते हुए भी करता है गूगल के साथ काम पढ़े



जब आपके जीवन में कुछ गलत होता है तो आपके पास दो रस्ते होते या तो आप उसको अपनी कमजोरी बना लो या उसे अपनी ताक्त  आज की ये कहानी कुछ ऐसी ही है .

ये एक सच्ची घटना है मद्रास के एक लड़के का बचपन में एक्सीडेंट हुआ और उसने अपने दोनों पैर उस एक्सीडेंट में खो दिए उसका नाम था नागा नरेश करुतुरा जिसके माता पिता तो अनपढ़ थे पर उनके माता पिता ने उसे अनपढ में रखने की सोगंध खा ली थी और इसी वजह से नरेश के पिता ने अपना गांव छोड़ दिया शहर के प्रिवेट स्कूल में उसका दाखिला करवाया और  नरेश ने भी अपने माता पिता को निराश नहीं किया नरेश के पिता एक ऑटो ड्राईवर थे जिन्होंने बड़ी मुश्किल से नरेश को आई आई टी करवाई आई आई टी में नेरश विकलांगो की रैंक में ४ नंबर पर थे ओर पुरे उत्तरप्रेदश में २७ नंबर पर थे नरेश ने आई आई टी करने के बाद जॉब करने के लिए किसी की मदद लेनी चाहि  मदद लेने के लिए उसने गूगल पर अपनी पूरी स्थिति बताई और गूगल से उसे जॉब ऑफर की गई आज नरेश गूगल के लिए काम करता है और बहुत पैसे भी कमाता है जब हमारी टीम ने नरेश के माता पिता से बात की तो उन्होंने कहा की हमें गर्व है की हमने नरेश जैसे बेटे को जन्म दिया जिसने बिना पेरो के भी असमान की ऊँचाइयाँ छु ली “ इसी लिए कहते हे किसी की अपंगता का मजाक मत बनाओ क्या पता कब वो एक चमकता सितारा बन जाए “
जब नरेश से बात की गई तो उन्होंने कहा की जब मेने पढाई शुरू की तो मेरे सामने दो रस्ते थे या तो संसार को छोड़ दू या इस संसार में अपनी पहचान बना दूँ अब मेने जो रास्ता चुना वो आपको पता ही चल गया होगा .

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