महंगाई की कहानी ! सबकी जुबानी पढ़े



आज की कहानी मेरी जुबानी ..
दोस्तों कहानियाँ तो सब पढ़ते होंगे पर आज में जो कहानी आपको बता रहा हु वो कोई ऐसी वैसी कहानी नहीं है ये कहानी है आज हमारा देश हमारी संस्कृति में कितना बदलाव आया है आज की कहानी पढ़कर आपको एक बात जरुर समझ आ जायेगी की कुछ भी हो हमे बदलना नहीं चाहिए क्योकि हमारे बदलने के साथ कितने लोगो का भविष्य बदल जाता है . में ये नहीं कह रहा की आप समय के साथ मत चलो पर में ये भी नहीं चाहता की मेरे देश की ऐसी हालात भी हो पढ़े ये कहानी .
एक गांव था करीबन उसमे 1000 लोग रहते थे गांव में कूल घरों की संख्या करीबन 500 थी इस गांव के सभी लोग खेती करते थे यहाँ तक इस गांव में कभी भी किसी को बड़ा या छोटा नहीं समझा जाता था सब एक समान थे .
इसी गांव में गंगाराम नाम का एक व्यक्ति रहता था हमेशा समय में और पुरें गांव में बदलाव लाना चाहता था ओर उसने अपने बेटे को पढने के लिए २० किलोमीटर दूर भेजता था सभी गांव वाले कहते थे की गंगाराम पागल हो गया उसका बेटा कितना भी पढ़े करनी तो उसे खेती ही है पर गंगाराम किसी की ना सुनते हुये बच्चे को पढाता रहा एक दिन आ गया जब उसका बेटा बड़ी कम्पनी में मनेजर लग गया वह अपने पिता को अपने साथ दिल्ली लेजाना चाहता था पर गंगाराम नहीं गया तो उसके बेटे ने कहा की अब में अच्छा कमा लेता हूँ आप ये खेती मत करो आप खेती ना करें ! में आपके लिए सब प्रबंध करवा दूंगा बेटे की ये बात सुन गंगाराम फुलले नहीं समाया और बेठा ठाठ करने लगा और सबको बोलने लोगो से की मेने मेरे बेटे को पढ़ाया तब आज में मजे कर रहा हूँ अगर आप भी पढाते तो मेरी तरह आप भी बेठे होते ...
ऐसे ही सब गांव वालो ने अपने बच्चो को पढाना शुरू किया और सभी लोग मज्जे से रहने लगे पर क्या हुआ जब ...................



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वही सब लोग जब टीवी देकते तो कहते सरकार ने कितनी महंगाई बढ़ा दी है सरकार ने वो कर दिया है या दाल के भाव कम नहीं करती और भी कुछ बोलते हे परन्तु वो ये नहीं सोचते की ये महंगाई उन्ही लोगो की वजह से हे ! अब आप कहेगे की उनकी वजह से कैसे तो में आपको बता दूँ की जब वो पूरा गांव अपने बेटो के पैसे पर जी सकते हे और खेती से अपना मुहं फेर लेते हे तब कितनि जमीने बंजर हो गई और कितने लोग बिना खेती के हो गए आपके वही खेत वो अन्न उगाते थे वही अन्न आपको महंगाई का पता नहीं चलने देता था वही अन्न है जो आज बाजार में महंगा हो रहा हे क्योकि अन्न की उपज कम हो गई है और लोग सरकारी प्रिवेट जॉब ढूढ़ते है ना की खेती करना चाहते है .
दोस्तों ये मेरा लेख महंगाई बढने का विरोध करने वालो के मुहं पर थप्पड़ है क्योकि वो लोग अपने खेत को आज प्लाट बनाकर बेच रहे है खेती करना छोड़ दिया है ,,,
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